कामशास्त्र का महत्त्व
रथ चाहे कितना भी सुन्दर क्यों नहीं हो परन्तु उसका एक पहिया कमजोर हो तो दूसरे पहिये के मज़बूत होने पर भी यात्रा को सुरक्षित नहीं कहा जा सकता हैं A सुरक्षित यात्रा के लिए रथ के दोनों पहियों का मज़बूत होना आवश्यक हैं A इसी प्रकार मनुष्य का जीवन भी एक यात्रा हैं जो दाम्पत्य रुपी रथ के सहारे पूरी होती हैं A पति और पत्नी इस दाम्पत्य रुपी रथ के दो पहिये हैं और इन दोनों की काम कुशलता ही जीवन को सफल बनाने का आधार हैं A यदि स्त्री और पुरुष इन दोनों में से किसी एक को कामशास्त्र से दूर रखा जाये और केवल एक को कामशास्त्र के अध्ययन का अधिकार दिया जाये तो एक पक्ष की अनभिज्ञता ही दूसरे पक्ष की भिज्ञता को अर्थहीन बना देती हैं सबसे बड़ी बात यह हैं की काम सम्बन्धी विषय में सफल होना पूर्णतः दूसरे पक्ष पर भी निर्भर करता हैं ] अतः दोनों पक्षों को इसका ज्ञान होना परमावश्यक हैं A लड़कों और लड़कियों को किशोरावस्था प्राप्त होते ही कामशास्त्र का ज्ञान प्राप्त करना चाहिए ] यदि विवाह हो चुका हो तो भी एक दूसरे की सम्मति या आज्ञा से कामशास्त्र का अध